Rajani katare

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नया सबेरा गाँव का भाग --1



लेखनी वार्षिक प्रतियोगिता 
कहानी/लेख
दिनांक- 4/3/22
विषय- लघु कथा
शीर्षक- नया सबेरा गाँव का

           "नया सबेरा गाँव का"

बरखेड़ा गाँव वहाँ एक पंडित जी रहते थे,उनकी 
पत्नी रामकली और चार बच्चे दो लड़के महेष और सुरेश दो लड़कियाँ आरती और रोली, पंडित जी की रोजी रोटी पूजा पाठ से ही चलती थी, फिर भी अच्छी कमाई हो जाती थी.....

अब दोनों लड़के शादी लायक हो गये थे... जुड़वां जो थे.... उन्हें तो गाँव बिल्कुल भी न सुहाता था...
पंडित जी को उनकी... बड़ी चिंता सताती थी... 
पहले तो घर द्वार...जमीन जायदाद देख कर शादी हो जाती थी... सो अच्छे घर की लड़कियाँ... मिल 
गयीं सो लगे हाथ... शुभ मुहुर्त देख कर दोनों की शादी कर दी......

कुछ ही समय बीता था... ये लोग घूमने गये इन्दौर उज्जैन...उज्जैन में बहुरानी के मामा रहते थे... सो उनने दोनों के लिए... पान की दुकान खुलवा दी...
सो दोनों वहीं रहने लगे...घर पर खबर भिजवा दी, 
पंडित जी तो उनकी आदत से वाकिफ थे..... 
सो उन्हें उतना दुख भी नहीं हुआ.... 

बड़ी लड़की आरती आठवी पास कर ली थी, आगे न पढ़ सकी गाँव में स्कूल आठवी तक ही था.उन्नीस बरस की हो गयी थी..... अपने जाने माने किसानी घर में गाँव में ही शादी कर दी... छोटी लड़की रोली कुशाग्र बुद्धि की और मेहनती... उसने पास के गाँव से बारवी पास कर ली... दूर था स्कूल पैदल जाना पड़ता था....उसने हार नहीं मानी......

गाँव में छोटे से कमरे में उसने स्कूल शुरु कर दिया ,
बच्चों को समझाया.... और पास के ही गाँव से उसने प्राईवेट फार्म भरवा दिया.... धीरे धीरे बच्चों का होसला बढ़ा... जो बच्चे अच्छे पढ़ने वाले थे 
वो आगे पढ़ने के लिए शहर चले गये.... 

तीन चार बरस बाद कृष्णा अपने गाँव आ गया, 
उसने गाँव में सबसे पहले... सरकारी मदद से बारहवी तक का स्कूल खुलवाया...फिर एक अपने दोस्त की मदद से दवाखाना खुलवाया...

इन सब कामों में रोली ने कृष्णा की... बहुत मदद करी...रोली ने प्राईवेट फार्म भर कर ग्रेजुऐशन कर 
लिया था.... सो शिक्षिका की नोकरी गाँव मे ही लग गयी....चार पाँच साल में ही...गाँव की काया पलट 
गयी....पंडित पंडिताइन बहुत खुश थे... दोनों के प्रयासों से गाँव में बहुत सुधार हो गया था..... 

गाँव में तो जैसे अब रौनक आ गयी थी, कृष्णा और रोली के प्रयासों से खेती की नयी तकनीक से फसल भी अच्छी हुयी....खेत खलियान लहलहा उठे.... 
पूरे गाँव में हरियाली छा गयी.... खूब पौधा रोपड़ भी करवाया गया..... 

पंडित जी ने कृष्णा से और उसके माँ बाप से बात 
करके दोनों की धूमधाम से शादी कर दी..... गाँव की उन्नति का.... दोनों ने... संकल्प लिया और अपने नव जीवन के पथ पर.... अग्रसर हो गये.... उनके कदम........।

         कहानीकार -रजनी कटारे 
               जबलपुर (म. प्र.)

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2 Comments

Swati chourasia

08-Mar-2022 08:07 PM

Very beautiful 👌

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Seema Priyadarshini sahay

08-Mar-2022 05:08 PM

बहुत खूबसूरत

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